Events (Republic Day (26-01-2021))



समर्पण संस्था द्वारा 72 वें गणतंत्र  दिवस पर “ विविधता में कता “ विषयक विचार गोष्ठी आयोजित।


विविधता में एकता ही भारत की विशेषता है। 

               - श्री के.एलबेरवाल


     जयपुर , 26 जनवरी ” विविधता में एकता ही भारत की विशेषता है। हमारा देश अलग अलग भाषाधर्मवेशभूषा , जाति , क्षेत्रआदि मे समाहित होने के साथ - साथ एक सूत्र में बंधा हुआ है। एक संविधान के आधा पर पूरा देश एक है। “ उक्त विचार  समर्पणसंस्था द्वारा अपने कार्यालय पर प्रताप नगरसांगानेर में आयोजित “विविधता में एकता” विषयक विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथिसेवानिवृत आई.पी.एस पूर्व राज.लोक सेवा आयोग के सदस्य श्री के.एलबेरवाल ने व्यक्त किये।

   उन्होंने कहा कि “हमारी संस्कृति एक दूसरे की मदद के भाव को मजबूत करती है। हम सभी सेवा के भाव को मजबूती देने का प्रयासरें।

    इससे पूर्व संस्था कार्यालय के सामने मुख्य अतिथि श्री के.एल. बेरवाल ने  अन्य अतिथि  पदाधिकारियों के साथ ध्वजारोहण  किया तत्पश्चात विचार गोष्ठी की शुरुआत  दीप प्रज्जवलन के साथ समर्प प्रार्थना से की गई जिसे संस्था के कोषाध्यक्ष श्रीरामवतार नागरवाल ने प्रस्तुत किया।

   संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आर्किटेक्ट डॉदौलत राम माल्या ने अपने स्वागत भाषण में संस्था के सिद्धांत  कार्यक्रमों की विस्तृतव्याख्या करते हुए अपने विचार व्यक्त किये।

   डॉमाल्या ने अपने उद्बोधन में कहा कि “ समर्पण संस्था विविधता मे एकता का अनुपम उदाहरण है यहां सभी जातिधर्मभाषावेशभूषा , लिंग , क्षेत्र के व्यक्ति एक गुलदस्ते की भांति है। संस्था में केवल मानवता  इंसानियत के भाव की बात एकता का पर्याय है।

    इस अवसर पर श्री रमेश कुमार बैरवा ने विविधता मे एकता विषय को लेकर एक देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया।

    विशिष्ट अतिथि जिला  सेशन न्यायाधीश श्रीमती इंदु पारीक ने कहा कि “ विविधता मे एकता का विचार हमारे संविधान कीप्रस्तावना से आया है। प्रस्तावना हमारे संविधान की मूल आत्मा है। हमारा तिरंगा  संविधान एक है। भाषा  जातियां  बोलियां थोड़ीसी दूरी  बदल जाती है। इतनी विविधता होने के बावजूद भी हम संविधान के तहत सब एक सूत्र में बंधे है।

   विशिष्ट अतिथि मुख्य अभियंता श्री महेंद्र कुमार बैरवा ने हा कि “ संविधान के तहत  सरकार चलती है।तब ही देश आगे बढ़ता हैआज आज हमारे देश में प्रगतिशीलता केवल संविधान के अनुसरण से ही आई है।

    संस्था के मुख्य संरक्षक कर्नल एसएसशेखावत ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि “ विभिन्नतायें बाहर की है अपने अंदर कीनहीं। देश में अलग अलग क्षेत्रों में भाषाखान - पानवेशभूषाअलग अलग है। संसार में हां भी अच्छी चीज पैदा हुई उसे हमनें स्वीकारकिया है।

एकता कायम रखने के लिए एक दूसरे को स्वीकार करना सीखना होगा। दूसरों की विविधता के साथ हमें सामंजस्य बैठाना बहुत जरूरीहै।

     मुख्य वक्ता संस्था के मुख्य सलाहकार  पूर्व ज़िला न्यायाधी श्री उदय चंद बारूपाल ने कहा कि “ हमारा संविधान विश्व का सबसेअच्छा  सबसे बड़ा संविधान है संविधान के हर अनुच्छेद मे विविधता में एकता देखने को मिलती है। हम गणतंत्र के संविधान की क्षाके लिए अपना उतरदायित्व निभाने का प्रयास करें।

   मुख्य वक्ता संस्था के प्रधा मुख्य संरक्षक जनाब अब्दुल सला जौहर ने कहा कि “ सरकार संविधान के तहत कार्य करें तो विविधतामें एकता को मजबूती मिलेगी। उन्होंने अफसोस जाहिर किया कि “ सरकारें संविधान के तहत कार्य नहीं करती है जिसके कारण देश कीएकता  अखंडता को बहुत नुकसान हुँचता है।

  विशिष्ट अतिथि स्थानीय पार्षद श्रीमती ममता शर्मा की तरफ़ से