समर्पण संस्था द्वारा गणतंत्र दिवस पर " जाति, धर्म व राष्ट्रवाद" पर विचार गोष्ठी आयोजित....... राष्ट्रवादी
विचारधारा धर्म व जाति से ऊपर।
- श्री राम लुभाया
जयपुर,26 जनवरी । " राष्ट्रवादी विचारधारा धर्म व जाति से ऊपर होती है
।प्रत्येक भारतीय राष्ट्रवादी है और राष्ट्र प्रेम प्रत्येक नागरिक का धर्म है
" उक्त विचार सेवानिवृत्त आई.ए.एस. श्री राम लुभाया ने समर्पण संस्था द्वारा
आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह व विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित
करते हुए प्रताप नगर सांगानेर में व्यक्त किये।
श्री राम लुभाया ने कहा कि राष्ट्र में एकता व अखण्डता के लिए हमें
खुद को आगे आना होगा ।हमारी सोच एक होना जरुरी है और यह तब ही हो सकती है जब हम
मानवता की बात करें। सामाजिक
संस्थाओं को चाहिए कि वे सरकार को इस
बात पर मजबूर करें जिसमें मानवता ही सर्वोपरी हो। धर्म व जातिगत बात न होकर सबके
लिए बराबर कानून बनें।
इससे पूर्व संस्था कार्यालय के सामने
मुख्य अतिथि श्री राम लुभाया ने अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर ध्वजारोहण किया ।
ध्वजारोहण के साथ ही कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ समर्पण प्रार्थना
से हुई। जिसे संस्था कोषाध्यक्ष रामावतार नागरवाल ने प्रस्तुत किया।
उपरांत मंच संचालिका रेडियो जॉकी
श्रीमती माला सिंह कुंद्रा ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ते हुए संस्था का परिचय
व कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण पढ़कर सुनाया।
संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आर्किटेक्ट दौलत राम माल्या ने अपने
स्वागत भाषण में संस्था के कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी देते हुए धर्म, जाति व राष्ट्रवाद
पर अपने विचार व्यक्त किये।
संस्था के सचिव श्री रविन्द्र कुमार पुलकित ने देशभक्ति कविता
"मेरी कसम है माँ तुझको रोना नही है" प्रस्तुत की। संस्था के प्रधान
मुख्य संरक्षक जनाब अब्दुल सलाम जौहर ने कहा कि " जाति धर्म में ना बंटकर
सबसे पहले हमें भारतीय होना पड़ेगा तब ही हमारा राष्ट्र मजबूत होगा।
आर.जे. एंकर व वॉयस आवर आर्टिस्ट श्री नवदीप सिंह ने फिल्मों के
कलाकारों की आवाजें निकालकर सभी का मनोरंजन किया।
विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता श्री उदय चंद बारूपाल ने कहा कि
राष्ट्रवाद को किसी भाषा, जाति और धर्म में नही बांटा जा सकता। वर्तमान समय में जातियों के
आपसी संघर्ष से देश व समाज को बचाना ही सर्वोच्च कर्तव्य है। धर्म को कभी भी
राष्ट्र के ऊपर न देखे।सभी जातियों और धर्मों को मानवता के सूत्र में पिरोकर ही
विश्व में राष्ट्रवाद की मिसाल कायम की जा सकती है।
कार्यक्रम में समाजसेवी व व्यवसायी हाजी उस्मान खान को संस्था
संरक्षक बनने पर सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर संस्था की नवगठित कार्यकारणी को मुख्य अतिथि श्री राम
लुभाया ने शपथ दिलवायी।
समारोह में विशिष्ट अतिथि अपर जिला व सेशन न्यायाधीश श्रीमती नीरजा
दाधीच ने कहा कि राष्ट्रवाद ही वह धागा है जो लोगों को अलग-अलग जाति पृष्ठभूमि से
होने के बावजूद एकता के सूत्र में बांधता है । आज हमें जाति धर्म और क्षेत्रवाद की
संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर देश की एकता व अखंडता को मजबूत करने की बात करनी
होगी।
विशिष्ट अतिथि उदय राज सिंह चॉपावत ने कहा कि राष्ट्र के लिए
बलिदान देने वालों को याद रखना उनके बलिदान से देश की रक्षा का प्रेम ही देश के
लिए हमारा अमूल्य योगदान है।
विशिष्ट अतिथि श्री सुरेंद्र सिंह नारोलिया ने कहा कि धर्म वह
मौलिक सिद्धांत है जो सभी को समान रूप से देखता है।
सकारात्मक सोच के साथ सामूहिक रूप से
एकता की भावना ही धर्म है।
विशिष्ट अतिथि सुश्री पूजा सुमन ने कहा कि जाति के आधार पर किसी भी
भारतीय नागरिक की पहचान हमारी राष्ट्रीय एकता को कमजोर करती है । राष्ट्रवाद वह
शक्ति है जो हमें सब तरह से एक बनाती है।
अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सेवानिवृत्त आई.पी.एस. श्री
के एल बैरवा ने कहा कि धर्म एक विश्वास का विषय है जो हम सब को एक सूत्र में बांध
देता है लेकिन धर्म में कट्टरता बढ़ जाती है तो वह विखंडन का कारण बनती है।
डीएलबी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री महेंद्र कुमार बैरवा ने भी
अपने विचार व्यक्त किये। संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष स्वामी बाबा भारत जी ने सभी
का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम अनेक सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि व गणमान्य नागरिक
उपस्थित रहे ।
सादर प्रकाशनार्थ ।
भवदीय,
रविन्द्र कुमार पुलकित
सचिव
समर्पण संस्था , जयपुर